संवेदनशील सामाजिक समस्याओं के प्रति आई आई एम टी, यूनिवर्सिटी, के स्नातक स्तर के छात्र-छात्राओं की अभिवृत्ति का तुलनात्मक अध्ययन (गंगानगर, मेरठ क्षेत्र के विशेष सन्दर्भ में)
Author(s): डॉ नीतू मान
Abstract: निरक्षरता, अज्ञान, निर्धरता, बेरोज़गारी, छुआछूत आदि की समस्याएँ भी हमारे देश की जड़े खोखली कर रही है। वर्तमान समय से विद्यालयों में रैगिंग, परीक्षाओं में नकल, शिक्षण संस्थाओं में दादागिरी भी ज्वलन्त समस्याएँ बन चुकी है। कुर्सीवाद की समस्या हमारी ऐसी समस्या है, जिससे भ्रष्ट राजनीति का जन्म होता है। यह न केवल समाज, अपितु पूरे राष्ट्र को पतन के गर्त में ले जा रही है। समस्याएँ तो अनगिनत हैं, परन्तु उनका समाधान भी हो सकता है यदि हम सभी मिल जुलकर इस दिशा में प्रयत्न करे। हम सभी को इन समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए भरसक प्रयत्न करने होगे, जिससे कि समाज का अहित न हो सके। इस तरह कि सामाजिक समस्याएं आये दिन छात्रों के बीच चर्चा का विषय बनती जा रही तथा उनकी अभिवृत्ति का परिमापन भी करती रही हैं प्रस्तुत शोध पत्र इसी विषय पर आधारित है ।
Pages: 189-193 | Views: 60 | Downloads: 21Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
डॉ नीतू मान. संवेदनशील सामाजिक समस्याओं के प्रति आई आई एम टी, यूनिवर्सिटी, के स्नातक स्तर के छात्र-छात्राओं की अभिवृत्ति का तुलनात्मक अध्ययन (गंगानगर, मेरठ क्षेत्र के विशेष सन्दर्भ में). Int J Adv Acad Stud 2022;4(1):189-193.