International Journal of Advanced Academic Studies
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2020, Vol. 2, Issue 3, Part B

समाज में कामकाजी महिलाओं की स्थिति एक अध्ययन


Author(s): संगीता कुमारी

Abstract: समय के साथ भारतीय समाज में कामकाजी महिलाओं की स्थिति में अनेक परिवर्तन हुये जिससे महिलाओं की स्थिति में दिन-प्रतिदिन गिरावट आती गई तथा गरीब महिलाओं पर इसका अधिक प्रभाव पड़ा, क्योंकि सैकड़ों वर्षों की परतन्त्रता के कारण भारतवर्ष विश्व के सबसे गरीब देशों में से एक है। समाज के निर्माण में महिलाओं की भूमिका उतनी ही प्रमुख है जितनी कि शरीर को जीवित रखने के लिये जल, वायु, और भोजन हैं। कामकाजी स्त्रियां ही संतति की परम्परा में मुख्य भूमिका निभाती हैं फिर भी प्राचीन समाज से लेकर आधुनिक कहे जाने वाले समाज तक स्त्रियां उपेक्षित ही रही हैं। उन्हें कम से कम सुविधाओं, अधिकारों और उन्नति के अवसरों में रखा जाता रहा है, इसी कारण महिलाओं की परिस्थिति अत्यन्त निचले स्तर पर है। भारतीय समाज की परम्परागत व्यवस्था में महिलायें आजीवन पिता, पति और पुत्र के संरक्षण में जीवन-यापन करती रही हैं। भारतीय संविधान में पुरूषों एवं महिलाओं को समाज दर्जा और अधिकार दिये जाने के बावजूद इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि विकास और सामाजिक स्तर की दृष्टि से महिलायें अभी पुरूषों से काफी पीछे हैं। भारतीय समाज में महिला आज भी कमजोर वर्गों में शामिल है। महिला परिवार की आधारशिला है और सामाजिक विकास बहुत कुछ उसी के सद्प्रयासों से सम्भव है। जिस समाज की महिलायें उपेक्षा और तिरस्कार का शिकार होती हैं वह समाज कभी प्रगति नहीं कर सकता है।

DOI: 10.33545/27068919.2020.v2.i3b.131

Pages: 88-89 | Views: 1791 | Downloads: 1266

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How to cite this article:
संगीता कुमारी. समाज में कामकाजी महिलाओं की स्थिति एक अध्ययन. Int J Adv Acad Stud 2020;2(3):88-89. DOI: 10.33545/27068919.2020.v2.i3b.131
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