2020, Vol. 2, Issue 2, Part B
अभिभावकों के दृष्टिकोण से बच्चों पर कार्टून धारावाहिकों का प्रभाव- एक अध्ययन
Author(s): सुरेश कुमार दुग्गल, डॉ. रविन्द्र
Abstract: बच्चों की दुनिया सबसे खूबसूरत और रंगों से भरी होती है। दुखदर्द, जिंदगी के उतार-चढ़ावों और दुनियादारी से बेखबर बच्चे बेहद मासूम और साफ मन के होते हैं। चेहरे पर मुस्कान लिए, तोतली आवाज में कुछ-कुछ बोलकर किलकारी मारते बच्चे जब कूदकर गोद में आते हैं तो अनायास ही दिन भर की थकावट दूर हो जाती है। उनके अजीबो-गरीब सवाल दौड़ती भागती जिंदगी से ध्यान हटाकर मन को सुकून देते हैं, क्योंकि वे फायदे और नुकसान के गुणा भाग से परे छोटी-छोटी खुशियां बांटते हैं। प्रस्तुत अध्ययन का उद्देश्य बच्चों के मन की इसी चंचलता को समझते हुए कार्टून धारावाहिक देखने से उनके दिल-दिमाग पर पड़ने वाले असर का विश्लेषण करना है। अभिभावकों के दृष्टिकोण से बच्चों पर कार्टून धारावाहिकों का प्रभाव देखना है। इसके लिए अभिभावकों पर सर्वेक्षण विधि (प्रश्नावली) द्वारा शोध किया गया और इससे जो निष्कर्ष निकला व् जो एकत्रित आंकड़े सामने आए, वो दर्शाते हैं कि बच्चों पर कार्टून धारावाहिकों का काफी प्रभाव पड़ता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के बाल मनोवैज्ञानिक एलिसन गोपनिक के अनुसार, बच्चों का दिमाग एक कुशल वैज्ञानिक की तरह काम करता है। वे हमेशा कुछ नहीं संभावनाएं तलाशने और सीखने को आतुर रहते हैं। बड़े होने के बाद भी जिन लोगों में ऐसी बाल सुलभ उत्सुकता बनी रहती है, वे ही सफल वैज्ञानिक और रिसर्च स्कॉलर बनकर समाज को अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
DOI: 10.33545/27068919.2020.v2.i2b.85Pages: 61-65 | Views: 1659 | Downloads: 547Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
सुरेश कुमार दुग्गल, डॉ. रविन्द्र.
अभिभावकों के दृष्टिकोण से बच्चों पर कार्टून धारावाहिकों का प्रभाव- एक अध्ययन. Int J Adv Acad Stud 2020;2(2):61-65. DOI:
10.33545/27068919.2020.v2.i2b.85