2020, Vol. 2, Issue 1, Part F
समाजशास्त्रीय समस्याओं के प्रमुख अध्ययन क्षेत्र
Author(s): Sarwejeet Meena
Abstract: यह शोधपत्र समाजशास्त्रीय समस्याओं के प्रमुख अध्ययन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न सामाजिक मुद्दों की विस्तारपूर्वक छानबीन करना है और उनके संबंध में विचारधारा, सामाजिक न्याय, समाजवाद, समाजीय असमानता, जाति-धर्म और समानता, समाधान और निष्कर्ष पर प्रकाश डालना है।
यह शोधपत्र एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करके समाजशास्त्र के महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा करता है। पहले, इसमें समाजवाद का परिचय दिया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य सामाजिक न्याय, समानता, और समाजीकरण को सुनिश्चित करना होता है। इसके बाद, समाजीय असमानता पर ध्यान केंद्रित होता है, जो विभिन्न समाजिक समूहों के बीच समान अवसरों की कमी को दर्शाती है।
समाजिक न्याय का महत्वपूर्ण योगदान भी इस शोधपत्र में विस्तार से वर्णित किया गया है। सामाजिक न्याय समाज को उचित और न्यायसंगत अवसर प्रदान करने के लिए एक संगठित न्याय प्रणाली का उपयोग करता है। विभिन्न सामाजिक वर्गों के बीच सामानता स्थापित करने के लिए उचित न्याय की प्राथमिकता है।
इसके अलावा, शोधपत्र जाति-धर्म और समानता पर विचार करता है। यह मुद्दा समाजशास्त्र में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और इसे समझने के लिए विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है।
इस शोधपत्र में हमने उपरोक्त मुद्दों के संक्षेप में विचार किया है और समाधान और निष्कर्ष प्रस्तुत किया है। इसके माध्यम से हमने यह देखा है कि समाजशास्त्रीय समस्याएँ समाज के विभिन्न पहलुओं पर गहरा प्रभाव डालती हैं और सामाजिक न्याय, समानता, और समाजीकरण को सुनिश्चित करने के लिए समाज को सक्रिय रूप से काम करना चाहिए।
DOI: 10.33545/27068919.2020.v2.i1f.999Pages: 364-368 | Views: 486 | Downloads: 154Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
Sarwejeet Meena.
समाजशास्त्रीय समस्याओं के प्रमुख अध्ययन क्षेत्र. Int J Adv Acad Stud 2020;2(1):364-368. DOI:
10.33545/27068919.2020.v2.i1f.999