2025, Vol. 7, Issue 7, Part C
संतोष गोयल द्वारा लिखित 'प्रेम संबंधों की कहानियाँ' का अध्ययन
Author(s): मोनिका दलाल
Abstract: संतोष गोयल की पुस्तक 'प्रेम संबंधों की कहानियाँ' मानवीय भावनाओं के एक शाश्वत और जटिल पहलू – प्रेम – को विभिन्न आयामों से समझने का एक सार्थक प्रयास है। यह मात्र कहानियों का संग्रह नहीं, बल्कि रिश्तों की गहराइयों, उनकी जटिलताओं, सुखद अनुभूतियों और कभी-कभी कड़वी सच्चाइयों का एक मार्मिक चित्रण है। इन कहानियों का अध्ययन हमें प्रेम की बहुआयामी प्रकृति को समझने, सामाजिक परिप्रेक्ष्य में प्रेम संबंधों के विकास को देखने और व्यक्तिगत स्तर पर भावनाओं की सूक्ष्मता को महसूस करने का अवसर प्रदान करता है। गोयल की कहानियों की सबसे बड़ी विशेषता उनकी यथार्थवादिता है। वे प्रेम को केवल एक आदर्शवादी परिकल्पना के रूप में प्रस्तुत नहीं करतीं, बल्कि उसके भीतर छिपी असुरक्षाओं, समझौतों, त्याग और कभी-कभी कटुता को भी बखूबी दर्शाती हैं। उनकी कहानियों में प्रेम केवल युवावस्था का आवेग नहीं होता, बल्कि जीवन के विभिन्न पड़ावों पर उसके बदलते स्वरूप और परिपक्वता को भी चित्रित किया जाता है। चाहे वह किशोरावस्था का पहला आकर्षण हो, विवाह पूर्व प्रेम का संघर्ष हो, दांपत्य जीवन में प्रेम का रूपांतरण हो, या बुढ़ापे में साथी के लिए अगाध स्नेह – गोयल हर पहलू को संवेदनशीलता से छूती हैं। इन कहानियों का अध्ययन हमें भारतीय समाज में प्रेम संबंधों की बदलती तस्वीर को भी समझने में मदद करता है। जहाँ एक ओर पारंपरिक विवाहों में प्रेम की तलाश और उसके विकास को दर्शाया गया है, वहीं दूसरी ओर आधुनिकता के प्रभाव में बदलते रिश्तों, लिव-इन संबंधों, और प्रेम विवाहों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला गया है।
DOI: 10.33545/27068919.2025.v7.i7c.1637Pages: 182-184 | Views: 694 | Downloads: 85Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
मोनिका दलाल.
संतोष गोयल द्वारा लिखित 'प्रेम संबंधों की कहानियाँ' का अध्ययन. Int J Adv Acad Stud 2025;7(7):182-184. DOI:
10.33545/27068919.2025.v7.i7c.1637