2025, Vol. 7, Issue 3, Part B
श्री अन्न की भारत में उपयोगिता
Author(s): डॉ. शेफालिका राय, डॉ. अंजली अग्रवाल
Abstract: सदियों तक भारत में श्री अन्न मुख्य आहार के रूप में लोगों के मध्य प्रचलित रहा है। भारत के धार्मिक ग्रंथो में मोटे अनाज के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। महाभारत काल में ब्राहम्णो को धार्मिक अनुष्ठानो में सामक जैसे मोटे अनाज का भोजन करने का विवरण है। यजुर्वेद के ग्रंथो में मोती बाजरा का विवरण प्राप्त होता है। तमिल धार्मिक ग्रंथो में रागी का विवरण मिलता है। हड़पा सभ्यता में भी मोटे अनाज के उपभोग का विवरण प्राप्त हुआ है। भारत के इतिहास में मोटे अनाज का महत्त्व देखने को मिलता है। लेकिन धीरे-धीरे ये मोटे अनाज पृष्ठभूमि में चले गए, हरित क्रान्ति के दौरान हरित क्रांति के लिए चिह्नित भौगोलिक क्षेत्रों में गेहूँ और चावल की अत्यधिक उपज देने वाली नई किस्मों का प्रयोग करते हुए खाद्यान्न के उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया, जिसके कारण हरित क्रांति के बाद के काल में मोटे अनाज लगभग चलन से बाहर हो गए। मोटा अनाज विश्व के शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में रहने वाले लोगो के लिए मुख्य भोजन एवं प्रयुक्त ऊर्जा का सोत्र है। अनाज की कटाई के बाद शराब बनाने, पीने योग्य अल्कोहल आदि के रूप में औद्योगिक उपयोग के अतिरिक्त, जानवरों के लिए योग्य चारे का स्रोत्र है। एशिया एवं अफ्रीका के शुष्क क्षेत्रों में रहने वालों की जीवन रेखा मानी जाती है। मोटे अनाज छोटे दाने वाली अनाज वाली फसलों का समूह है, जो अत्यधिक पौष्टिक होते हैं और उर्वरको और कीटनाशको जैसे बहुत कम इनपुट के साथ कम उपजाऊ मिट्टी के नीचे उगाए जाते हैं। ये फसलें देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा में बड़े पैमाने पर योगदान देखा गया हैं। 'परिष्कृत' आहार संस्कृति के साथ मिलकर जीवन शैली की बीमारियों की बढ़ती चिंताओं के साथ, आधुनिक उपभोक्ता धीरे-धीरे लेकिन तेजी से पोषक तत्वों से भरपूर बाजरा को गेहूं और चावल के उपयुक्त विकल्प के रूप में देख रहे हैं। प्रस्तुत शोध पत्र में भारत में श्री अन्न के उत्पादन की स्थितियों का अवलोकन किया गया, उनके प्रकार, बाजारों के प्रकार, राज्यों में उत्पादन एवं निर्यात की स्थिति,इनसे संबंधित समस्याएं एवं सरकार की भूमिका पर कार्य किया गया हैं।
DOI: 10.33545/27068919.2025.v7.i3b.1404Pages: 126-133 | Views: 85 | Downloads: 29Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
डॉ. शेफालिका राय, डॉ. अंजली अग्रवाल.
श्री अन्न की भारत में उपयोगिता. Int J Adv Acad Stud 2025;7(3):126-133. DOI:
10.33545/27068919.2025.v7.i3b.1404