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2025, Vol. 7, Issue 2, Part A


ग्रामीण बिहार में जलवायु की चरम स्थितियाँ तथा उनके सामाजिक-आर्थिक परिणामों का भौगोलिक विश्लेषण


Author(s): पार्वती कुमारी

Abstract: बिहार के ग्रामीण क्षेत्र जलवायु परिवर्तन और उससे जुड़ी चरम स्थितियों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील माने जाते हैं। राज्य का भौगोलिक स्थान (25°N–27°N अक्षांश और 83°E–88°E देशांतर) तथा गंगा नदी की तराई में फैला इसका विशाल कृषि क्षेत्र इसे बाढ़, सूखा, शीतलहर और लू जैसी घटनाओं के लिए अधिक संवेदनशील बनाता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आँकड़े बताते हैं कि 1951 से 2020 के बीच बिहार में औसत वार्षिक तापमान में लगभग 0.6 °C की वृद्धि हुई है और मानसून की वर्षा में 6–8% तक की कमी दर्ज की गई है। परिणामस्वरूप जलवायु की चरम घटनाएँ अधिक बार और तीव्रता के साथ घटित हो रही हैं। ग्रामीण बिहार में बाढ़ और सूखा सबसे गंभीर चरम जलवायु घटनाएँ हैं। उत्तर बिहार के सीतामढ़ी, दरभंगा और मधुबनी जैसे जिलों में लगभग हर वर्ष बाढ़ आती है, जिससे 60–70% कृषि भूमि प्रभावित होती है। वहीं दक्षिण बिहार के गया, नवादा और औरंगाबाद जैसे जिले बार-बार सूखे का सामना करते हैं। इसके अतिरिक्त, लू और शीतलहर जैसी घटनाएँ भी ग्रामीण जीवन और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। इन चरम जलवायु परिस्थितियों के सामाजिक-आर्थिक परिणाम गहरे हैं। कृषि उत्पादन में गिरावट, खाद्य असुरक्षा, पलायन, स्वास्थ्य समस्याएँ और ग्रामीण गरीबी में वृद्धि इसके प्रत्यक्ष परिणाम हैं। बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, केवल 2020 में ही बाढ़ से 80 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए और लगभग 7 लाख हेक्टेयर फसल क्षतिग्रस्त हुई। वहीं 2019 में आई शीतलहर से 650 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। इस शोध-पत्र में ग्रामीण बिहार की चरम जलवायु परिस्थितियों और उनके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का भौगोलिक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इसके लिए मौसम विज्ञान, आपदा प्रबंधन विभाग, जनगणना तथा एनएफएचएस (NFHS) जैसे प्रामाणिक स्रोतों के आँकड़ों का उपयोग किया गया है। अध्ययन स्पष्ट करता है कि ग्रामीण बिहार में सतत आजीविका और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जलवायु अनुकूलन और आपदा शमन रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता है।

DOI: 10.33545/27068919.2025.v7.i2a.1700

Pages: 75-80 | Views: 273 | Downloads: 43

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How to cite this article:
पार्वती कुमारी. ग्रामीण बिहार में जलवायु की चरम स्थितियाँ तथा उनके सामाजिक-आर्थिक परिणामों का भौगोलिक विश्लेषण. Int J Adv Acad Stud 2025;7(2):75-80. DOI: 10.33545/27068919.2025.v7.i2a.1700
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