2024, Vol. 6, Issue 8, Part B
भारतीय ग्रामीण महिलाओं के विकास में पंचायती राज-व्यवस्था की भूमिका
Author(s): डाॅ0 हेमलता
Abstract: महिलाओं का सम्पूर्ण विकास और समग्र सशक्तिकरण वह स्थिति है जब महिलाओं को व्यक्तित्व का विकास, शिक्षा प्राप्ति, व्यवसाय, परिवार में निर्णय का समान अवसर मिले। जब आर्थिक रूप से वह आत्मनिर्भर हो, शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक रूप से सुरक्षित महसूस करे तथा तमाम रूढ़िवादी बन्धनों से मुक्त हो। वर्तमान परिपेक्ष्य में महिला विकास एवं सशक्तिकरण की आवश्यकता को न केवल समाज, परिवार बल्कि सरकार के स्तर पर भी अनुभव किया गया है। विकास की मुख्य धारा में महिलाओं की गरिमापूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करना सरकार की नैतिक, सामाजिक और कानूनी जिम्मेदारी है। महिलाओं की आबादी हमारे देश में लगभग 49 प्रतिशत के आस-पास है इसलिए राष्ट्र विकास के महान कार्य में महिलाओं की भूमिका तथा योगदान को पूरी तरह सही परिपेक्ष्य में रख कर ही राष्ट्र निर्माण के कार्य को समझा जा सकता है।
DOI: 10.33545/27068919.2024.v6.i8b.1472Pages: 142-144 | Views: 164 | Downloads: 51Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
डाॅ0 हेमलता.
भारतीय ग्रामीण महिलाओं के विकास में पंचायती राज-व्यवस्था की भूमिका. Int J Adv Acad Stud 2024;6(8):142-144. DOI:
10.33545/27068919.2024.v6.i8b.1472