2024, Vol. 6, Issue 7, Part A
मुन्शी प्रेमचन्द के साहित्य में आर्थिक युग बोध
Author(s): राजकुमार
Abstract: मुन्शी प्रेमचंद के प्रायः सभी उपन्यास और विशेषकर प्रेमाश्रम, रंगभूमि, गबन, कर्मभूमि और गोदान प्रमुखतया आर्थिक समस्या से ही अनुप्रमाणित हैं। सर्वप्रथम प्रेमचंद ने आर्थिक विषमता तथा शोषण की समस्या का प्रत्यक्ष चित्रण ‘प्रेमाश्रम’ में किया था। ‘प्रेमाश्रम’ में किसानों के आर्थिक शोषण की समस्या के विविध पहलुओं का चित्रण यथार्थ रूप में हुआ है और इस समस्या के समाधान की ओर भी प्रेमचंद ने स्पष्ट रूप से संकेत किया है। उस युग में जिन विविध मार्गों से किसानों का शोषण किया जाता था, उनका सजीव चित्र ‘प्रेमाश्रम’ में सफलता से अंकित हुआ है। उन्होंने जमींदारों की शोषण नीति का मार्मिक विश्लेषण किया है।
DOI: 10.33545/27068919.2024.v6.i7a.1697Pages: 174-177 | Views: 271 | Downloads: 106Download Full Article: Click Here