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2024, Vol. 6, Issue 5, Part A


हरियाणा के निर्माण में चौ. देवीलाल की भूमिका


Author(s): Amandeep and NK Somani

Abstract: हरियाणा राज्य के लोगों द्वारा आजादी के प्रथम युद्ध (1857 की क्रांति एवं स्वतंत्रता आंदोलन) में भावनात्मक भागीदारी निभाने के कारण ब्रिटिश शासकों के दिल में प्रतिशोध की भावना सुलग रही थी। प्रतिशोध की इस भावना को शांत करने व इस क्षेत्र के लोगों को राजनीतिक रूप से दण्डित करने के लिए सन् 1858 में ब्रिटिश सरकार ने हरियाणा क्षेत्र को पंजाब के साथ जोड दिया। लेकिन हरियाणावासी अभी भी दिल्ली और पश्चिमी यूपी के लोगों के साथ सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से संबंद्ध थे। हालांकि, भौगोलिक एवं राजनीतिक रूप से हरियाणा के लोगों ने अपनी सीमाएं जरूर खो दी थी। लेकिन बेटी और रोटी वाले सांस्कृतिक संबंध उनके अभी भी दिल्ली और यूपी के साथ थे। हरियाणा राज्य के निर्माण की मांग के समय हरियाणा कोई नया शब्द नहीं था। जैसा कि ऊपर कहा जा चुका है कि इसे एनडब्ल्यू फ्रंटियर से 1858 में अलग कर पंजाब में शामिल कर लिया गया था। पंजाब में सम्मिलित होने के बाद हरियाणा एक ऐसा भू-भाग बन कर रह गया था जिस पर न तो कभी ब्रिटिश सरकार ने ध्यान दिया था और न ही कभी पंजाब के अधिकारियों ने प्रशासनिक व राजनीतिक स्तर पर हरियाणा की हर स्तर पर उपेक्षा होने लगी।

DOI: 10.33545/27068919.2024.v6.i5a.1672

Pages: 55-57 | Views: 488 | Downloads: 83

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How to cite this article:
Amandeep, NK Somani. हरियाणा के निर्माण में चौ. देवीलाल की भूमिका. Int J Adv Acad Stud 2024;6(5):55-57. DOI: 10.33545/27068919.2024.v6.i5a.1672
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