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Peer Reviewed Journal

2024, Vol. 6, Issue 12, Part B


भारतीय अर्थव्यवस्था में भारत के लोक संस्कृतियों का योगदान


Author(s): डॉ. शेफालिका राय

Abstract: किसी भी राष्ट्र के आर्थिक विकास में बड़े-बड़े उद्योगों के साथ ही साथ लघु एवं कुटीर उद्योगों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भारत के परिपेक्ष में यदि स्पष्ट किया जाए तो भारत विविध प्रकार के लोक संस्कृतियों को धारण करने वाला एक बहुत बड़ा राष्ट्र है। भारत में न केवल वेशभूषा प्रांत में विविधता है वर्णन अलग-अलग प्रति में उनके त्योहारों में भी विविधता पाई जाती है, विकास के क्रम में भारत में इन विविधताओं में भी परिवर्तन और विकास देखा गया है त्यौहार न केवल एक प्रांत तक सीमित रह गए हैं वर्णन इनका प्रभाव पूरे भारत पर पड़ता है, रोजगार की तलाश में पूरे भारत में जैसे-जैसे लोगों का एक प्राण से दूसरे प्रांत में गण हुआ वैसे-वैसे ही त्योहारों की विविधता और संस्कृति का भी आदान-प्रदान हुआ। इन त्योहारों का भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है प्रस्तुत शोध पत्र में हम प्रमुख रूप से उत्तर भारत में होने वाले त्योहारों के भारतीय अर्थव्यवस्था पर पढ़ने वाले प्रभाव के बारे में अवलोकन करेंगे।

DOI: 10.33545/27068919.2024.v6.i12b.1375

Pages: 77-79 | Views: 147 | Downloads: 82

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How to cite this article:
डॉ. शेफालिका राय. भारतीय अर्थव्यवस्था में भारत के लोक संस्कृतियों का योगदान. Int J Adv Acad Stud 2024;6(12):77-79. DOI: 10.33545/27068919.2024.v6.i12b.1375
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