जी-20 में भारत की बढ़ती भूमिका
Author(s): नीरज मीना
Abstract: विश्व संगठन के महत्त्वपूर्ण देशों का समूह जी-20 है जो वर्तमान में काफी प्रासंगिक भूमिका में है। दुनिया की 75 प्रतिशत अर्थव्यवस्था जी-20 देशों से संचालित होती है। यह मध्यम आय वाले देशों की वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करता है। इसके अलावा भ्रष्टाचार विरोधी, राजकोषीय सुधार, विकास के मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करता है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में इस संगठन में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज करवाई है जिसके चलते ही हमारा देश पहली बार जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। भारत अब एक ‘अगुवा राष्ट्र’ की भूमिका निभाएगा। दुनिया में व्याप्त वर्तमान की चुनौतियों को निपटाने में भारतीय माॅडल अत्यन्त कारगर सिद्ध हो सकेगा, क्योंकि भारत आदिकाल से ही ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्’’ के आदर्श को मानकर चलता आ रहा है। भारत स्वयं विकासशील देशों के हितों को सर्वोपरि रखकर कार्य करने में विश्वास करता है। विकसित देशों से समन्वय बनाकर ही विकासशील देशों को समृद्ध बनाया जा सकता है। जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, मानवाधिकार, सहिष्णुता आदि विषयों पर भारतीय चिंतन से समाधान सम्पूर्ण विश्व हेतु लाभप्रद सिद्ध हो सकेगा। जी-20 में भारत अपनी शत प्रतिशत भागीदारी का निर्वहन करता रहा है।
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नीरज मीना. जी-20 में भारत की बढ़ती भूमिका. Int J Adv Acad Stud 2022;4(4):48-49.