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2022, Vol. 4, Issue 3, Part C


एक दूसरे के पूरक ‘नारी और संगीत’


Author(s): डाॅ. रंजना ग्रोवर

Abstract: विश्व - संगीत का इतिहास कलाकारों के संघर्ष का इतिहास है। कलाकार चाहे पुरूष हो या फिर महिला, ईश्वर की अद्भूत देन है। हमारा इतिहास सुसंस्कृत महिलाओं की कला-कृतियों से परिपूर्ण है। क्षेत्र चाहे कोई भी हो, महिलाओं ने उनमें प्रंशसनीय योगदान दिया है। इतिहास की तमाम शिकायतों, अत्याचारों और मजबूरियों के बोझ से दबी हुई महिला जब जीवन में कुछ स्थान हासलि कर लेती है, तो उसके लिए वह सचमुच ही एक महान उपलब्धि होती है। पुरूषों के लिए नारी को प्रेरणा-स्त्रोत माना गया है। नारी के लिए कला प्रेरणा का स्त्रोत है।

DOI: 10.33545/27068919.2022.v4.i3c.845

Pages: 180-181 | Views: 679 | Downloads: 293

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How to cite this article:
डाॅ. रंजना ग्रोवर. एक दूसरे के पूरक ‘नारी और संगीत’. Int J Adv Acad Stud 2022;4(3):180-181. DOI: 10.33545/27068919.2022.v4.i3c.845
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