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2022, Vol. 4, Issue 2, Part B


महिला विमर्श बनाम समाज


Author(s): अरूण कुमार

Abstract: महिला विमर्श की आधारशिला महिला सशक्तिकरण है। सामान्य शब्दों में महिला सशक्तिकरण का अर्थ है 'महिलाओं को शक्तिसम्पन्न बनाना' लेकिन महिलाओं को शक्ति सम्पन्न बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी अर्थात क्या महिलायें निःशक्त है? क्या महिलाओं का सशक्तिकरण सरकारी योजनाओं द्वारा सम्भव है? इस प्रकार के प्रश्न इस संदर्भ में बहुत ही प्रासंगिक हैं। समस्त विश्व में इतिहास के किसी-न-किसी दौर में महिलाओं के प्रति भेदभाव करता गया है या फिर जानबूझकर उनकी अनदेखी की गयी। समाज का दृष्टिकोण भी उनकी निम्न स्थिति के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार है। जब महिलाओं की बदतर स्थिति के लिए समाज द्वारा रूढ़िवादी दृष्टिकोण का अपनाया जाना जिम्मेदार होता है तो इसे 'लिंग आधारित भेदभाव' कहकर पुकारा जाता है।

DOI: 10.33545/27068919.2022.v4.i2b.781

Pages: 102-104 | Views: 624 | Downloads: 206

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How to cite this article:
अरूण कुमार. महिला विमर्श बनाम समाज. Int J Adv Acad Stud 2022;4(2):102-104. DOI: 10.33545/27068919.2022.v4.i2b.781
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