2021, Vol. 3, Issue 4, Part B
आधुनिक समाज के विकास में महिलाओं का घटता अनुपात
Author(s): सपना कुमारी
Abstract: आज भारत जो विकास के पथ पर अग्रसर है अनेक सामाजिक समस्याओं का सामना कर रहा है। घटता लिंगानुपात एक चिंताजनक तस्वीर बनाता है। अनेक राज्यों में तो शिशु लिंगानुपात बदतर अवस्था में है। यहाँ विचार करने योग्य बात यह है कि भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में लिंगानुपात की समस्या का स्वरूप एक जैसा नहीं है। जहाँ दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के राज्य लिंगानुपात में स्वास्थ्य आँकड़े प्रस्तुत करते हैं, तो वहीं दूसरी ओर उत्तर भारत और पश्चिमी राज्यों के आँकड़े चिंताजनक हैं। बात अगर शहरी और ग्रामीण भारत की करें, तो हमारे गाँवों की स्थिति शहरों की तुलना में बेहतर जान पड़ती है। चूँकि दक्षिण और पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्य मातृसत्तात्मक हैं इसलिए लड़कियों का महत्त्व बराबर बना हुआ है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों से रोजगार के लिये पलायन करने वाले पुरुषों के कारण शहरी भारत के लिंगानुपात में असंतुलन आया है। पितृसत्तात्मक व्यवस्था वाले उत्तरी एवं पश्चिमी क्षेत्रों में पुरुषवादी मानसिकता के कारण समस्या भयावह रूप में दिखाई पड़ती है। यही कारण है कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, उ.प्र. आदि राज्य लिंगानुपात में सबसे खराब स्थिति दर्शाते हैं।
DOI: 10.33545/27068919.2021.v3.i4b.764Pages: 131-134 | Views: 791 | Downloads: 260Download Full Article: Click Here