International Journal of Advanced Academic Studies
  • Printed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

2021, Vol. 3, Issue 3, Part D

भारतीय दर्शन में मोक्ष की अवधारणा


Author(s): अभिनन्दन पाण्डेय

Abstract: मोक्ष का अर्थ है कष्टों की समाप्ति । भारतीय दर्शन में सभी 9 दर्शन पूर्णतः मोक्ष को मानते है, मोक्ष के मानने की दृष्टिकोण, स्वरूप व प्राप्त करने के प्रकार में अंतर हो सकता है लेकिन सभी दर्शन मोक्ष को मानते है, कोई निर्वाण, कोई मोक्ष, कोई कैवल्य कोई अर्हत् कोई मुक्ति, कोई बोधिसत्व कोई स्वर्गं इत्यादि नामों से मोक्ष की उपमा देते हैं। मोक्ष पाने के रास्तों में अंतर है लेकिन अंततः मोक्ष मिलने के बाद एक हो जाते है, यानी सभी दर्शनों में मोक्ष पाने के साधन अलग-अलग बताये गये हैं लेकिन सभी का साध्य एक ही है। जैसे मुझे इलाहाबाद से दिल्ली जाना है तो कई तरीकों से वहां पहुंचा जा सकता है जैसे-मोटर साईकिल से, कार से, हवाई जहाज से सभी साधनों से आप पहुंच सकते है लेकिन हां पहुंचने के समय में व रास्तों में अंतर है लेकिन लक्ष्य सुनिश्चित है, सभी प्रकार सभी भारतीय दर्शन में मोक्ष की अवधारणा भिन्न-2 रही है लेकिन लक्ष्य सबका मोक्ष ही है। भारतीय दर्शन में आस्तिक व नास्तिक सभी इसे स्वीकार करते है।

DOI: 10.33545/27068919.2021.v3.i3d.634

Pages: 291-293 | Views: 4248 | Downloads: 3538

Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
अभिनन्दन पाण्डेय. भारतीय दर्शन में मोक्ष की अवधारणा. Int J Adv Acad Stud 2021;3(3):291-293. DOI: 10.33545/27068919.2021.v3.i3d.634
International Journal of Advanced Academic Studies
Call for book chapter
Journals List Click Here Research Journals Research Journals