विजावर तहसील में रेड ऑकर का वितरण उपयोग तथा संभावनाएँ
Author(s): डाॅ. अनिरूद्ध वर्मा
Abstract: भू-वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रेनाइट बड़े-बड़े कणों वाली आग्नेय शैल है। रसायनिक दृष्टि से मिट्टी में कैल्सियम, मैग्नीशियम्, गंधक, लोहा, नाइट्रोजन, फास्फोरस, जैसे तत्व पाये जाते हैं। विजावर तहसील में खनिजों के रूप में पाया जाने वाला मुख्य राॅक फास्फेट, चूना पत्थर, पायरोफिलाइट रेत के भण्डार उपलब्ध है। साधारण जिले की मिट्टीयों के तीन भागों में बांटा गया है-
1. रसायनिक कटाव या चट्टानों के छिन्न-भिन्न होने से निर्मित मिट्टी
2. भौगोलिक कटाव द्वारा निर्मित मिट्टी
3. जीवधारियाँ द्वारा कटाव में निर्मित ग्रेनाइट शैल में।
सामान्यतः 52.3 प्रतिशत फेल्सपार, 31.3 प्रतिशत क्वार्टज, 11.5 प्रतिशत अभ्रक, 2.4 प्रतिशत हाई ब्लैड, 2.0 प्रतिशत लौह खनिज, 0.5 प्रतिशत अन्य खनिज पाये जाते है। राॅकड़ मिट्टी 60 प्रतिशत पाई जाती है जो भूरा, पीले रंग की होती है भारत में रेड़ आॅक्साइड का विशाल भण्डार विद्यमान है। यहाँ से रेड ऑक्साइड निर्यात किया जाता है।
Pages: 174-176 | Views: 225 | Downloads: 72Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
डाॅ. अनिरूद्ध वर्मा. विजावर तहसील में रेड ऑकर का वितरण उपयोग तथा संभावनाएँ. Int J Adv Acad Stud 2021;3(2):174-176.