2021, Vol. 3, Issue 1, Part B
मिथिला राज्य की वास्तविकताः एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
Author(s): राम बाबू चौपाल
Abstract: मिथिला क्षेत्र को अलग रूप से राज्य के रूप में अभिहीत करने हेतु मिथिलावासियों द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इसके विभिन्न कारण हैं। भारत के दार्शनिक, उद्भव, सांस्कृतिक और साहित्यिक विकास के क्षेत्र में मिथिला का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। मिथिला का इतिहास निस्संदेह गौरवमय रहा है. पुरातत्व के अवशेषों का अन्वेषण, विश्लेषण में पूरा पाषाणकाल, मध्यकाल और नव पाषाण काल के कई अवशेष अभीतक प्रकाश में नहीं आए हैं। इस पत्र के माध्यम से मिथिला राज्य की वास्तविकता पर विश्लेषण प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
DOI: 10.33545/27068919.2021.v3.i1b.469Pages: 84-86 | Views: 1648 | Downloads: 939Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
राम बाबू चौपाल.
मिथिला राज्य की वास्तविकताः एक विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int J Adv Acad Stud 2021;3(1):84-86. DOI:
10.33545/27068919.2021.v3.i1b.469