2020, Vol. 2, Issue 1, Part F
महिला सशक्तिकरण में शिक्षा की भूमिका
Author(s): सारथी कुमारी
Abstract: ‘‘एक नारी को शिक्षित करने का अर्थ एक परिवार को शिक्षित करना है।‘‘ वर्तमान युग को वैचारिकता का युग कहा जा सकता है। अगर स्त्री या माता अथवा गृहिणी के संस्कार शिक्षा-दीक्षा आदि उत्तम नहीं होगी तो वह समाज और राष्ट्र को श्रेष्ठ सदस्य कैसे दे सकती है?, समाज के लिए स्त्री का स्वस्थ, खुशहाल, शिक्षित, समझदार, व्यवहार कुशल, बुद्धिमान होना जरूरी है और वह शिक्षा से ही सम्भव है। जब स्त्री की स्वयं की स्थिति सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, शैक्षिक आदि दृष्टिकोणों से निम्न होगी तो वह परिवार, समाज और राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे पायेंगी, यह प्रश्न अत्यन्त चिन्तशील है क्योंकि एक तो स्त्रियाँ स्वयं राष्ट्र की आधी से कम जनसंख्या है तथा दूसरा, बच्चे, युवा, प्रौढ़ और वृद्धजन उन पर अपनी पारिवारिक आवश्यकताओं के लिए निर्भर रहते हैं।
DOI: 10.33545/27068919.2020.v2.i1f.397Pages: 305-308 | Views: 69544 | Downloads: 68266Download Full Article: Click Here