2020, Vol. 2, Issue 1, Part F
राॅबिन शाॅ पुष्प की कहानियों के प्रमुख स्वर
Author(s): नीतू कुमारी
Abstract: बिहार के समकालीन कथाकरों में राॅबिन शाॅ पुष्प एक बहुचर्चित हस्ताक्षर हैं। ‘प्रतिद्वन्द्वी’ कहानी से अपनी कथायात्रा आरम्भ करनेवाले पुष्प जी ने अपने व्यक्तिगत जीवन में किसी से प्रतिद्वन्द्विता नहीं की, अपितु सदैव अपने समकालीन युवा कथाकारों को आत्मीयतापूर्वक सहयोग करते रहे। साहित्य-सेवा को ही अपने जीवन-यापन का साधन बनानेवाले कहानीकार के रूप में पुष्पजी ने मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं को पुनस्र्थापित करने का पुरजोर प्रयास किया एवं मानवीय गरिमा को क्षरित करनेवाले तत्त्वों को हतोत्साहित कर मानवता का कल्याण किया। नारियों की पूजा करनेवाले भारतीय समाज में नारियों के प्रति पुरुषों के दूषित सामन्ती दृष्टिकोण को इन्होंने उजागर किया, नारियों की स्थितियों, भावनाओं और आकांक्षाओं को वाणी देकर आधी आबादी के हित-चिन्तन की चेष्टा की और वर्तमान राजनीति की पतनोन्मुख अवस्था का चित्रण कर इससे त्राण पाने का संदेश भी दिया। कुल मिलाकर वर्तमान समय और समाज में स्त्रियों और पुरुषों की मानसिकता, उसकी विवशताओं और विशेषताओं- सबको पुष्प जी ने अपनी कहानियों में प्रखर स्वर प्रदान किया है।
DOI: 10.33545/27068919.2020.v2.i1f.332Pages: 291-293 | Views: 1323 | Downloads: 371Download Full Article: Click Here