भारतीय स्थानीय स्वशासन में पंचायतेंः एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
Author(s): Dr. Dhananjay Kumar Choudhary
Abstract: हमारे देश में पंच परमेश्वर यानि की पांच व्यक्तियों द्वारा किया गया कार्य व निर्णय, परमेश्वर की बात के बराबर है, का प्राचीन काल से महत्व रहा है। यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत व्यवस्था संस्कृति की धरोहर के रूप में जानी पहचानी जाती है। स्थानीय लोगों के समूह जिसमें पांच व्यक्तियों द्वारा गांव की समस्याओं का मतभेदों का फैसला करना, प्राचीन पंचायत का मूल कार्य होता था तथा इन व्यक्तियों को पंच परमेश्वर का स्थान दिया गया था। इस प्रकार हम देखें तो गांव के फैसले गांव में ही स्थानीय लोगों के द्वारा किये जाते थे इसमें बाहरी व्यक्तियों या समूहों का हस्तक्षेप नहीं होता था। वास्तव में यह व्यवस्था स्थानीय स्वशासन का एक व्यवहारिक प्रयोग था।
Pages: 288-290 | Views: 688 | Downloads: 264Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
Dr. Dhananjay Kumar Choudhary. भारतीय स्थानीय स्वशासन में पंचायतेंः एक विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int J Adv Acad Stud 2020;2(1):288-290.