Abstract: असगर वजाहत अपनी लेखन कला से युग की विभीषिका को चिन्हित करते हुए आगे बढ़ते हैं। समय की पतनशीलता एवं उसकी भयावहता इनकी कहानियों का उपजीव्य रहा है। अपनी कहानियों में यथार्थ को निर्ममता से उघेड़ते हुए भी असगर वजाहत संभावनाओं का रास्ता पाठकों के लिए छोड़ते हैं यह उनकी प्रमुख विशेषता रही है। इनकी कहानियों में समाज का हर तबका अपनी-अपनी विशिष्टाओं के साथ मौजुद है। ये विभिन्न तरह की विशिष्टता (गुण-अवगुण) ही इनकी कहानियों में व्याप्त रहा है। राज और समाज की हर समस्याओं को इन्होंने अपनी कहानियों में स्थान दिया है। जो असगर वजाहत जी की प्रमुख विशेषता रही है।