2019, Vol. 1, Issue 2, Part C
बिहार में मातृ-शिशु कल्याण कार्यक्रम में स्वास्थ्य सेवाओं की वर्तमान स्थिति
Author(s): रंजीता कुमारी
Abstract: बच्चे राष्ट्र के धरोहर है। प्यार एवं सहानुभूति उनके जीवन का आधार है। आज बच्चों में कुपोषण की समस्या बहुत ही गभीर है। भारत में अल्प पोषित बच्चों की संख्या विष्व में सर्वाधिक है। कुपोषण का मुख्य कारण संतुलित एवं पौष्टिक आहार का अभाव है। बच्चों के पोषण में माँ का दूध एवं पूरक पोषाहार स्वास्थ्य की धूरी है। इससे बच्चों में समग्र शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास होता है। प्रत्येक माता-पिता की इच्छा होती है कि उनके बच्चे स्वस्थ व हृष्ट-पुष्ट रहें जो शारीरिक रूप से निरोग, मानसिक तौर पर चैकन्ने तथा नैतिक दृष्टि से स्वस्थ हो और जो दक्षताओं तथा प्रेरणाओं से संपन्न हो जिसकी समाज को आवष्यकता है। इसके लिए हमें बच्चों के प्रति संवेदनषील होना जरूरी है बच्चों के पोषण में सुधार के लिए आज व्यक्ति का षिक्षित होना आवष्यक है विषेषकर महिलाओं में जागरूकता बढ़ाने के लिए अत्यधिक प्रयास की आवष्यकता है एवं आँगनबाड़ी केन्द्र को अधिक सक्रिय करना होगा क्योंकि बच्चों का लालन-पालन और संतुलित पोषण आज की आवष्यकता है एवं यह बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है।
DOI: 10.33545/27068919.2019.v1.i2c.388Pages: 226-228 | Views: 840 | Downloads: 268Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
रंजीता कुमारी.
बिहार में मातृ-शिशु कल्याण कार्यक्रम में स्वास्थ्य सेवाओं की वर्तमान स्थिति. Int J Adv Acad Stud 2019;1(2):226-228. DOI:
10.33545/27068919.2019.v1.i2c.388