Abstract: नागार्जुन सही अर्थो में भारतीय मिट्टी से बने आधुनिकतम कवि है। एक जनकवि के रूप में नागार्जुन खुद को जनता के प्रति सचेत रूप से जवाबदेह समझते हैं। इसलिए वे साफ ढ़ंग से सच-सच कहते है और सच के सिवा कुछ नहीं कहते है। नागार्जुन की दृष्टि में कोई द्वुविधा नहीं है। आधुनिक कबीर नागार्जुन- जिसके लिए विचारधारा से अधिक बड़ी थी जनता की संवेदना नागार्जुन ने अपने समय के बड़े-बड़े नेताओं के लिए जिस तरह की तिलमिला देने वाली भाषा और व्यंग्य का प्रयोग किया है, वह हिंदी कविता में दुलर्भ है।