Abstract: ऊर्जा को किसी राष्ट्र की सभी आर्थिक गतिविधियों की कुंजी माना है क्योंकि, किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास तथा जीवन स्तर के उन्नयन एवं ऊर्जा की उपलब्धता में सीधा सम्बन्ध है। निरन्तर बढती जनसंख्या, औद्यौगिकरण के विस्तार, घरेलू विद्युत उपकरणों में वृद्धि, कम्प्यूटरों का निरन्तर बढते उपभोग इत्यादि ने हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं को तेजी से बढा दिया है। ऊर्जा की निरन्तर बढती मांग को पूरा करने के क्रम में विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से एक तरफ पर्यावरणीय समस्या बड़ी है तो दूसरी तरफ प्राकृतिक संसाधनों के भण्डार में भी कमी आई है। मानव ने ही प्राकृतिक संसाधनों का अविवेकपूर्ण उपभोग कर ऊर्जा संसाधनों के क्षरण या विलुप्त हो जाने का खतरा उत्पन्न है। आज, भारत के आर्थिक विकास हेतु यह आवश्यक हो गया है कि ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण से जुडी टैक्नाॅलाजी को सत्त विकास को आधार बनाया जाए। आज, इस आवश्यकता को पूरा करना हमारे सम्मुख एक चुनौती है। ऊर्जा की बढती मांग को पूरा करने के लिए सुरक्षित और टिकाऊ व्यवस्था करने की आवश्यकता है।
डां. श्रीमती संगीता सिंघल. बढती ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए अक्षय ऊर्जा जरूरी. Int J Adv Acad Stud 2019;1(2):116-118. DOI: 10.33545/27068919.2019.v1.i2b.780