मानवीय गुणों के विकास में आहार की भूमिका
Author(s): डाॅ0 वीणा कुमारी
Abstract: आहार वह ठोस अथवा तरल पदार्थ है जो मानव एवं पारिवारिक सम्बन्धों, संवेगात्मक तृप्ति, सुरक्षा तथा प्रेम हेतु आवश्यक है। आहार से व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक और सामाजिक क्षमता का संतुलन प्रभावित होता है। इस शोध आलेख के माध्यम से आहार की आवश्यकता, महत्व एवं आहार का मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाया गया है।
Pages: 207-209 | Views: 330 | Downloads: 149Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
डाॅ0 वीणा कुमारी. मानवीय गुणों के विकास में आहार की भूमिका. Int J Adv Acad Stud 2019;1(1):207-209.