कांग्रेसी विचाराधारा, समाजवाद और भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन
Author(s): रश्मि कुमारी
Abstract: भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में कांग्रेस का सबसे खतरनाक पक्ष उसका वैचारिक खुलापन था। चूंकि यह किसी वर्ग विशेष की पार्टी नहीं थी। अतः यह वैचारिक रूप से विषय अवयवी थी। इस पार्टी में कई विचारधारा, विभिन्न राजनीतिक सोच रखने वाले लोग शामिल थे। कांग्रेस ने अपना सदस्य बनने के लिए किसी प्रकार के वैचारिक पूर्वाग्रह को अर्हता के रूप में नहीं लादा। गांधी ने भी कभी कांगे्रस पर अपने वैचारिक या नीतिगत एकाधिकार की बात नहीं की। हम कई तरह की वैचारिक उपधाराओं का अस्तित्व इसमें पाते हैं- साम्यवादी, समाजवादी आदि। इसी के कारण कांग्रेस नई विचारधारा को अपनाने के प्रति भी तत्पर रहती थी।