Abstract: भारतीय राजनीति की रचना आध्यात्मवाद की सुदृढ़ आधारशिला पर हुई है। इसका प्रतिपादन उन ब्रह्मऋषियों के द्वारा हुआ है, जिनकी दृष्टि इहलोक तक ही सीमित नहीं थी। उन ऋषियों ने अपनी बुद्धि से समाधिजन्य दिव्यज्ञान के आधार पर जो राजनीतिक सिद्धान्त निश्चित किए है, वे सर्वथा भ्रान्तिशून्य सत्य और पूर्ण वैज्ञानिक है। जिनके औचित्य की परीक्षा मोहग्रस्त, संकीर्ण तथा विवेकशून्य बुद्धि से कदापि नहीं की जा सकती है।