International Journal of Advanced Academic Studies
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2019, Vol. 1, Issue 1, Part A

बौद्ध धर्म और दलित चेतना


Author(s): डाॅ. प्रशान्त कुमार प्रसून

Abstract: जाति रोग से ग्रसित समाज के ऊपर कुठाराघात कर धर्म के प्रति सजग व सुदृढ़ कर रूढ़िवादी विचारधारा को समाप्त करने एवं लोगों के मन में धर्म के प्रति मतभिन्नता को दूर करने का प्रयास यथोचित है। लोगों के मन में धार्मिक आक्रान्ताओं को दूर कर बौद्ध धर्म के प्रति लोगों को जारूक कर मनुष्य को जीवन जीने के शैली को प्रस्तुत किया गया है। बौद्ध धर्म के माध्यम से मनुष्य जीवन को उत्कृष्ट किया गया है। वसुदैव कुटुम्बकम् सर्वे जन सुखिनः, जैसी विचारधारा को लोगों के मन में प्रवाहित किया गया है। जिससे आज के परिवेश में सामाजिक चेतना स्वतः स्फुर्रित है।

DOI: 10.33545/27068919.2019.v1.i1a.255

Pages: 82-87 | Views: 1725 | Downloads: 1260

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How to cite this article:
डाॅ. प्रशान्त कुमार प्रसून. बौद्ध धर्म और दलित चेतना. Int J Adv Acad Stud 2019;1(1):82-87. DOI: 10.33545/27068919.2019.v1.i1a.255
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